अध्ययन से हुआ साबित, उपवास से दूर रहेगा डायबिटीज
सेहतराग टीम
एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए उपवास के कई फायदे हैं। पूरे दिन खाना छोड़ने से शरीर को वजन कम करने और इंसुलिन को नियमित करने में मदद मिलती है। भारतीय संस्कृति में यूं तो उपवास को धर्म से जोड़ दिया गया है। हिंदू और मुसलमान दोनों ही धर्मों में उपवास की परंपरा पाई जाती है। मुस्लिम धर्मावलंबी अभी रमजान में रोजे रख रहे हैं।
व्रत रखना भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है। वैसे तो लोग धार्मिक मान्यताओं के चलते व्रत रखते हैं, लेकिन इसे वजन घटाने में भी सबसे प्रभावशाली माना गया है। व्रत रखने यानी फास्टिंग से वेट लूज होता है और इस पर अब तक कई रिसर्च आ चुकी हैं। हाल ही में एक और रिसर्च आई है जिसमें कहा गया है कि रमजान के दौरान व्रत रखने से न तो मोटापा जकड़ता है और न ही डायबीटीज।
इस स्टडी के जरिए मोटापे से संबंधित डायबीटीज जैसी अन्य बीमारियों के इलाज के लिए एक नई दिशा मिल गई है। रमजान के पाक महीने में सुबह से शाम तक पानी तक नहीं पीते, जिससे ऐसे प्रोटीन्स पर्याप्त मात्रा में उत्पन्न हो जाते हैं जो शुगर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इस नई रिसर्च के लिए ह्यूस्टन स्थित बेलॉर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने व्रत रखने के फायदे स्टडी करने के लिए रमजान की इस्लामिक आध्यात्मिक प्रैक्टिस का इस्तेमाल किया। शोध करने पर पाया गया कि लगातार 30 दिन तक व्रत रखने से शरीर में कुछ विशेष प्रकार के प्रोटीन जन्म ले लेते हैं, जो इंसुलिन प्रतिरोध को सुधारने में मदद करते हैं।
बता दें कि इंसुलिन रेज़िस्टेंस की स्थिति में सेल्स यानी कोशिकाएं प्रभावपूर्ण तरीके से इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पातीं। ये प्रोटीन ज्यादा वसा और शुगर वाले आहार के नकारात्मक प्रभावों से शरीर की रक्षा करते हैं। इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 14 लोगों का शामिल किया। इन लोगों ने रोजाना 15 घंटे सुबह से शाम तक व्रत रखा। व्रत के दौरान उन्होंने कुछ नहीं खाया-पिया। व्रत शुरू होने से पहले वैज्ञानिकों ने व्रत के 4 सप्ताह बाद और व्रत खत्म होने के 1 सप्ताह बाद प्रतिभागियों का ब्लड सैंपल लेकर परीक्षण किया, जिसमें ट्रोपोमायोसिन 1, 3 और 4 का हाई लेवल मिला।
यह प्रोटीन न सिर्फ स्केलेटल मसल्स और हार्ट के कॉन्ट्रैक्शन में मदद करता है बल्कि उन कोशिकाओं को भी सुरक्षा प्रदान करने में मदद करता है जो इंसुलिन प्रतिरोध के लिए उपयोगी हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, भोजन और उपवास इस बात को प्रभावित करते हैं कि शरीर उन प्रोटीन को कैसे बनाता और इस्तेमाल करता है जो इंसुलिन प्रतिरोध के साथ-साथ हेल्दी बॉडी वेट मेनटेन करने के लिए बेहद जरूरी हैं। पिछले साल जून में भी एक रिसर्च आई थी जिसमें फास्टिंग को वेट लूज करने का प्रभावी तरीका बताया गया था।
सावधानी
इस बात का ध्यान रखें कि यदि आप पहले से डायबिटीज से पीड़ित हैं तो आपके लिए उपवास खतरनाक साबित हो सकता है। दरअसल डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा देर तक भूखे रहने से शरीर में शुगर की कमी यानी हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है। इस लिए ये जरूरी है कि डायबिटीज के रोगी उपवास करने से पहले अपने डॉक्टर की राय ले लें।
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